महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है
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महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है

वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है । इनका महाकाव्य हिन्दू संस्कृति और समाज का आधार स्तम्भ है । भारतीय परम्पराओं में वाल्मीकि विरचित रामायण को देवत्व का स्थान प्राप्त है । समय – समय पर इसका पारायण तथा पूजन किया जाता है । वाल्मीकि रामायण सनातन संस्कृति का प्रतीक है…

Sanskrit language and literature संस्कृतभाषा व साहित्य
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Sanskrit language and literature संस्कृतभाषा व साहित्य

संस्कृतभाषा प्राचीन काल से ही भारतीय शास्त्रपरम्परा की वाहिनी रही है । प्राचीन भारतीय ग्रन्थ संस्कृत के आश्रय से ही समृद्ध हुए हैं । भारतीय वेद. वेदांग, दर्शन, कला आदि समस्त साहित्यग्रन्थों को संस्कृत ने ही अपने अंक में स्थान दिया है । संस्कृतभाषा समस्त भारतीय भाषाओं में अग्रगण्य तथा जननी स्वरुपा है । अन्तर्राष्ट्रीय…

अष्टविनायक :-  गणपति के आठ अवतार

अष्टविनायक :-  गणपति के आठ अवतार

भारत देश का दस दिवसीय उत्सव – गणेश उत्सव । यह उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक मनाया जाता है । इस अवसर पर भगवान् गणेश की पार्थिव प्रतिमा की प्रणा प्रतिष्ठा करके घर- घर में पूजा की जाती है । भारतीय शास्त्र परम्परा के अनुसार माँ पार्वती के द्वारा चतुर्थी…

Hartalika Vrat a Scientific and Social Analysis of Indian Fasts and Traditions
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हरतालिका व्रत: भारतीय व्रत और परंपराओं का वैज्ञानिक व सामाजिक विश्लेषण

Hartalika Vrat Scientific and Social Analysis of Indian Fasts and Traditions भारतदेश अपनी संस्कृति और अपनी परम्पराओं के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है । कुछ लोग इन परम्पराओं को रुढी मानकर निभाते चले आ रहे है । किन्तु वस्तुतः इनके पीछे छिपे गूढ अर्थों को हम नहीं समझ पाते है । भारत की संस्कृत और…

Six types of teachers in human life

Six types of teachers in human life षडेते गुरवः स्मृताः

मनुष्य जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है । अतः शिक्षा देने वाले शिक्षक का महत्व भी कम नहीं है । मानव जीवन में शिक्षा मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है । शिक्षा उतनी ही आवश्यक है जितना की भोजन वस्त्रादि । मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षण में शिक्षा ग्रहण करता है । जन्म…

Production and History of Films in Sanskrit

Production and History of Films in Sanskrit संस्कृत भाषेत चलचित्रपटांची निर्मिती व इतिहास

Production and History of Films in Sanskrit संस्कृत भाषेत चलचित्रपटांची निर्मिती व इतिहास भारतीय कला आणि संस्कृतीचा एक अविभाज्य घटक म्हणजेच चित्रपट होय. १९१३ साली स्वदेशी चित्रपट निर्मितीला सुरवात झाली. त्यानंतर आजपर्यंत भारतात अनेक भाषांमध्ये चित्रपट निर्मिती केली जाते. संस्कृत भाषेत एकुण १४ चित्रपट निर्माण झाले आहेत. त्यापैकी बहुतेक चित्रपटांना अनेक राष्ट्रीय आंतराष्ट्रीय ख्यातीचे पुरस्कार…

भारत में अनेक उत्सव पशुओं के निमित्त आयोजित किये जाते है । उनमें से एक उत्सव है – बैलपोळा

भारत में अनेक उत्सव पशुओं के निमित्त आयोजित किये जाते है । उनमें से एक उत्सव है – बैलपोळा

बैलपोळाभारत देश विविधताओं का देश है यह वाक्य अनेक पुस्तकों व लेखादि में पढने को मिलता है । भारत देश पर तथा उसकी संस्कृति पर लेखनी चलाने वाला कोई भी व्यक्ति इस वाक्य का प्रयोग किये बिना नहीं रह सकता । इसका कारण है हमारी संस्कृति की विविधता और विविधताओं के द्वारा जन समुदाय को…

Personality Development by Sanskrit Shlokas संस्कृत के द्वारा व्यक्तित्व निर्माण

Personality Development by Sanskrit Shlokas संस्कृत के द्वारा व्यक्तित्व निर्माण

यह हम सभी को विदित है कि भारत देश एक समय पर विश्व गुरु पद पर सुशोभित था । तदन्तर आज तक यह सौभाग्य किसी अन्य देश को प्राप्त नहीं हुआ है । विचारणीय विषय यह है कि ऐसे कौनसे कारण रहे कि भारत के उपरान्त अन्य देश इस पद को प्राप्त करने हेतु स्वयं…

Rakshabandhan

रक्षाबंधन की वह कथा जिससे मनुष्यों की प्रेतबाधा तथा दुख दूर होता है

द्वापर काल में धर्मराज युधिष्ठिर को शंका हुई और उनहोने भगवान श्रीकृष्ण को पूछा- ‘हे माधव ! मेरे मन में रक्षाबंधन की कथा जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई है । हे अच्युत ! मुझे वह सत्य कथा सुनाइए जिससे मनुष्य जीवन के कष्ट, प्रेतबाधा तथा दुखों का परिहार होता है।’ भगवान कृष्ण ने अत्यन्त सरल…

Bharatiya Sanskriti

भारतीय संस्कृति एक वैज्ञानिक संस्कृति

भारत देश सनातन संस्कृति वाला देश है । विश्व का एक मात्र ऐसा देश जहाँ हजारों वर्षों से चली आ रही संस्कृति आज भी जीवित है और अब भी फल फूल रही है । इस देश की संस्कृति सनातन कही जाती है सनातन का अर्थ होता है जो पहले भी था आज भी है और…