पाण्डुलिपि सम्पादन | Manuscript Editing

पाण्डुलिपि सम्पादन | Manuscript Editing

प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों का सीधे प्रकाशन करना सम्भव नहीं है । प्रकाशन से पूर्व उसका सम्पादन किया जाता है । सम्पादन कर्ता ग्रन्थ का अक्षरशः पुनर्लेखन करता है । जिससे पाण्डुलिपि की उस प्रतिलिपि में जो भी दोष होते है उनका भी निवारण कर दिया जाता है ।पाण्डुलिपि सम्पादक को कुछ बातों का ध्यान रखना…

The importance of yoga in the Gita

गीता मे योग का महत्व | The importance of yoga in the Gita

श्रीमद् भागवत गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण के द्वारा महाभारत का युद्ध आरंभ होने के पहले अर्जुन को कर्तव्य अकर्तव्य का बोध कराने हेतु दिया गया था। यह ग्रंथ महाभारत की भीष्म पर्व का अंग है गीता में 18 अध्याय तथा 700 श्लोक हैं।श्रीमद् भागवत गीता की गणना प्रस्थान त्रयी में की जाती है…

संशोधन के प्रकार तथा वर्गीकरण

संशोधन के प्रकार तथा वर्गीकरण

शोध के प्रकार –अनुसंधान के क्षेत्र में संशोधन के अनेकों प्रकार हो सकते हैं। तथापि अनुसंधाताओं ने संशोधन के कुछ प्रकार निर्धारित किया है । अनुसंधान के प्रकार शोध के अलग-अलग क्षेत्र से संबंधित है जिनमें विज्ञान, समाज, तकनीकी, साहित्य, भाषा आदि क्षेत्र सम्मिलित हैं । शोध में संशोधन के प्रकारों को निम्न प्रकार से…

संशोधन का अर्थ एवं स्वरूप

संशोधन का अर्थ एवं स्वरूप

संशोधन शब्द का अर्थ पुनः पुनः खोज या अन्वेषण करने से है। वर्तमान समय विज्ञान अथवा तकनीकी युग के नाम से जाना जा रहा है। आज के इस तकनीकी युग में अथवा वैज्ञानिक युग में संशोधन का विशेष महत्व है। अभी तक अनेक प्रकारों से अनेकों विद्वानों ने संशोधन की विविध व्याख्याएं की है तथा…

Personality development through Sanskrit

संस्कृत के द्वारा व्यक्तित्व निर्माण Personality development through Sanskrit

संस्कृत के द्वारा व्यक्तित्व निर्माणयह हम सभी को विदित है कि भारत देश एक समय पर विश्व गुरु पद पर सुशोभित था । तदन्तर आज तक यह सौभाग्य किसी अन्य देश को प्राप्त नहीं हुआ है । विचारणीय विषय यह है कि ऐसे कौनसे कारण रहे कि भारत के उपरान्त अन्य देश इस पद को…

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है
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महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है

वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदिकवि माने जाते है । इनका महाकाव्य हिन्दू संस्कृति और समाज का आधार स्तम्भ है । भारतीय परम्पराओं में वाल्मीकि विरचित रामायण को देवत्व का स्थान प्राप्त है । समय – समय पर इसका पारायण तथा पूजन किया जाता है । वाल्मीकि रामायण सनातन संस्कृति का प्रतीक है…

Sanskrit language and literature संस्कृतभाषा व साहित्य
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Sanskrit language and literature संस्कृतभाषा व साहित्य

संस्कृतभाषा प्राचीन काल से ही भारतीय शास्त्रपरम्परा की वाहिनी रही है । प्राचीन भारतीय ग्रन्थ संस्कृत के आश्रय से ही समृद्ध हुए हैं । भारतीय वेद. वेदांग, दर्शन, कला आदि समस्त साहित्यग्रन्थों को संस्कृत ने ही अपने अंक में स्थान दिया है । संस्कृतभाषा समस्त भारतीय भाषाओं में अग्रगण्य तथा जननी स्वरुपा है । अन्तर्राष्ट्रीय…

अष्टविनायक :-  गणपति के आठ अवतार

अष्टविनायक :-  गणपति के आठ अवतार

भारत देश का दस दिवसीय उत्सव – गणेश उत्सव । यह उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक मनाया जाता है । इस अवसर पर भगवान् गणेश की पार्थिव प्रतिमा की प्रणा प्रतिष्ठा करके घर- घर में पूजा की जाती है । भारतीय शास्त्र परम्परा के अनुसार माँ पार्वती के द्वारा चतुर्थी…

Hartalika Vrat a Scientific and Social Analysis of Indian Fasts and Traditions
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हरतालिका व्रत: भारतीय व्रत और परंपराओं का वैज्ञानिक व सामाजिक विश्लेषण

Hartalika Vrat Scientific and Social Analysis of Indian Fasts and Traditions भारतदेश अपनी संस्कृति और अपनी परम्पराओं के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है । कुछ लोग इन परम्पराओं को रुढी मानकर निभाते चले आ रहे है । किन्तु वस्तुतः इनके पीछे छिपे गूढ अर्थों को हम नहीं समझ पाते है । भारत की संस्कृत और…

Six types of teachers in human life

Six types of teachers in human life षडेते गुरवः स्मृताः

मनुष्य जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है । अतः शिक्षा देने वाले शिक्षक का महत्व भी कम नहीं है । मानव जीवन में शिक्षा मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है । शिक्षा उतनी ही आवश्यक है जितना की भोजन वस्त्रादि । मनुष्य जीवन के प्रत्येक क्षण में शिक्षा ग्रहण करता है । जन्म…