भारतीय नारी : गंगा-सी धैर्यवान, सीता-सी त्यागमयी और आधुनिकता में प्रखर स्वरूप
।। मैं भारतीय नारी ।। मैं भारतीय नारी अपनी जड़े बखूबी जानती हूं, मैं शक्ति, भक्ति और सच्चे प्रेम को भी पहचानती हूं। मैं सीमाओं में बंधे रहना चाहती भी हूं किंतु, तब तक जब तक सीमाएं बेडियां बन जाए। मैं धैर्य में गंगा हूं, सीता हूं, सती हूं, गौरी भी हूं, गौतम नारी…