रक्षाबंधन की वह कथा जिससे मनुष्यों की प्रेतबाधा तथा दुख दूर होता है
द्वापर काल में धर्मराज युधिष्ठिर को शंका हुई और उनहोने भगवान श्रीकृष्ण को पूछा- ‘हे माधव ! मेरे मन में रक्षाबंधन की कथा जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई है । हे अच्युत ! मुझे वह सत्य कथा सुनाइए जिससे मनुष्य जीवन के कष्ट, प्रेतबाधा तथा दुखों का परिहार होता है।’ भगवान कृष्ण ने अत्यन्त सरल…